यह सच्ची बातें ( Sachi Bate ) हिंदी में आपको कोई नहीं बताएगा

सच हमेशा कड़वा इसलिए होता है की सच को सुनने की क्षमता हर किसी में नहीं हो सकती है.

लोग अधिक खुशीं मे नजर और अधिक दुख मे नमक जरूर लगाते हैं.

याद रहे तारिफो के पुल के नीचें हमेशा मतलब की नदी बहती है.

ऊधार दीजिए  मगर सोच समझकर क्योंकि अपने ही पैसे भिखारी की तरह मागने पडते हैं.

इज्जत किसी इंसान की नहीं होती, जरूरत की होती है, जरूरत खत्म, इज्जत खत्म!

इंसान की बडी अजीब फितरत हैं, मरे हुए पर रोता है, और जिन्दे को रूलाता हैं.

किसी जमाने में दूसरे के पैर से काटें निकालते थे लोग, मगर अब एक दूसरे की राहों मे काटें बिछाते है लोग.

आदमी अच्छा था ये सुनने के लिए पहले मरना पडता है.

तभी तक पूछे जाओगे, जब तक काम आओगे, क्योंकि चिरागों के जलते ही बुझा दी जाती है तीलियाँ.

इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज नहीं बदलती जितनी जल्दी इंसान की नजरें और नियत बदल जाती हैं.

इस जमाने मे वफा की तलाश मत करो, वो दौर और था जब मकान कच्चे मगर इंसान सच्चे हुआ करते थे.

ठोकर इसलिए नहीं लगती कि इंसान गिर जाए ठोकर इसलिए लगती है, कि इंसान संभल जाए.

बाप का कारोबार जब से बेटे ने संभाला है बेटा समझ रहा है उसने बाप को पाला है.

झुकने से यदि रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ, लेकिन अगर हर बार आपको ही झूकना पड़े तो फिर रुक जाओ.