Gam Bhari Shayari | 1100+ गम भरी शायरी हिंदी में

दोस्तो हमने कई बार देखा है कि लोग प्यार में धोखा खाने के बाद काफ़ी दुखी हो जाते हैं. उनके लिए अपने प्यार को भूलना काफ़ी मुश्किल हो जाता है, वो अपने इस ग़म से बाहर नहीं निकल पाते हैं. आज हम आपके लिए लेके आये है गम भरी शायरी Gam Bhari Shayari का संग्रह जिसके मदद से आप अपने दिल का दर्द दूसरों तक पंहुचा सकते हैं. अपनी उदास दिल की भावनाओं को व्यक्त करें हमारे गम भरी शायरी संग्रह के साथ.

Gam Bhari Shayari

अजीब लगा यूं उनका मुझको छोड़ के जाना,
ना सुना कुछ और कहा भी कुछ नहीं,
आसान नहीं था यूं उनसे जुदा होकर रहना,
फिर जुदा होकर अब कुछ रहा भी नहीं.

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम,
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम.

gam bhari shayari

वक्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है.

ज़हर देता है कोई, कोई दवा देता है,
जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है.

gam shayari

तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है ऐ सनम,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा तू न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है.

दर्द दे गए सितम भी दे गए,
ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए,
दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का,
और हमें कभी ना रोने की कसम दे गए.

shayari gam bhari

तुम क्या लगा पाओगे ?
अंदाज़ मेरी तबाही का,
तुमने देखा कहाँ है
मुझको शाम के बाद.

अपनी आँखों के समंदर में उत्तर जाने दे,
तेरा मुज़रिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे,
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको,
सोचता हूँ कहूँ तुझसे, मगर जाने दे.

gam shayari in hindi

दर्द काफी है बेखुदी के लिए,
मौत काफी है ज़िन्दगी के लिए,
कौन मरता है किसी के लिए,
हम तो ज़िंदा है आपके लिए.

कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द आंखों की इस नमी का,
उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब कि,
उन्हे अब एहसास ही नहीं हमारी कमी का.

gam bhari shayari hindi mein

गम भरी शायरी हिंदी में

दिल में जो दर्द है वो दर्द किसे बताएं,
हँसते हुए ये जख्म किसे दिखायें,
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्तान किसे सुनाएँ.

जिंदगी भर दर्द से जीते रहे,
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे,
कई बार सोचा कह दू हाल-ए-दिल उससे,
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे.

gam bhari shayari status

मोहब्बत का मेरे सफ़र आखिरी है,
ये कागज़ कलम ये गज़लआखिरी है,
मैं फिर न मिलूँगा कहीं ढूढ लेना,
तेरे दर्द का अब ये असर आखिरी है.

दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना.

shayari gam ki

अब ये भी नहीं ठीक के हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए हैं,
ये इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें,
एक शख्स की यादों को भुलाने के लिए हैं.

हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने.

hindi shayari gam bhari

बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुजर क्यों नहीं जाता,
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में,
जो दूर है मुझसे वो दिल से उतर क्यों नहीं.

तुझसे बिछड़ने के बाद कभी खुश ना हो पाया मै,
तेरी यादों को दिल से ना मिटा पाया मै,
करना तो चाहता था बहुत कुछ अपने लिए,
फ़ुरसत ना निकाल पाया अपने लिए मै.

hindi gam ki shayari

ऑंखें तो प्यार में दिल की जुबान होती हैं,
सच्ची चाहत तो सदा बे जुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो मत घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है.

Gam Ki Shayari

कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते.

gam bhari sher shayari

न कर तू इतनी कोशिसे,
मेरे दर्द को समझाने की,
पहले इश्क कर फिर जख्म खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्द की.

कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं.

gam wali shayari

तुझे इस तरह यू भुला ना सकेंगे,
तेरे अलावा किसी की अपना ना सकेंगे,
तू ही मेरी ज़िन्दगी मेरी जान है,
तेरी मोहब्बत का दाग हम धुला ना सकेंगे.

वो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाईयों से आँखें चुराते रहे,
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला,
क्योंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे.

shayari gam ke

अपनो की पाने की चाह में,
हमने खुद को इस कदर खो दिया,
ज़िन्दगी बची है अब चंद पलो की,
ये दिल भी मेरा खून के आंसू रो लिया.

जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया,
आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया,
एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि,
हम मिलेंगे ख़्वाबों में पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये,
उस रात तो मैं ख़ुशी के मारे सो भी नहीं पाया.

gam bhari shayari photo

तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं.

बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी.

gam shayari photo

Shayari Gam Bhari

वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी.

ग़म इसका नहीं कि तू मेरा न हो सका,
मेरी मोहब्बत में मेरा सहारा ना बन सका,
ग़म तो इसका भी नहीं कि सुकून दिल का लुट गया,
ग़म तो इसका है कि मोहब्बत से भरोसा ही उठ गया.

gam bhari shayari hindi me

दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया,
मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सौदागरों से दिल्लगी कर बैठे, शायद
इसलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया.

आज फिर तेरी याद आयी बारिश को देख कर,
दिल पे ज़ोर न रहा अपनी बेबसी को देख कर,
रोये इस कदर तेरी याद में,
कि बारिश भी थम गयी मेरी बारिश को देख कर.

दिल का दर्द हमारा भी अब
सारी हदें आर पार कर रहा है,
दिलबर भी कितना संगदिल है
एक जुर्म को बार बार कर रहा है.

इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है.

आरज़ू नहीं के गम का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये,
भुलाना हो अगर मुझको तो एक अहसान करना,
दर्द इतना देना के मेरी जान निकल जाये.

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है.

इन ग़म की गलियों में
कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा,
इन रस्तों पे चलते-चलते
हमदर्द कोई मिल जाएगा.

Gam Wali Shayari

मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं,
लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है.

मुझे दर्द-ए-इश्क़ का मज़ा मालूम है,
दर्द-ए-दिल की इन्तहा मालूम है,
ज़िंदगी भर मुस्कुराने की दुआ मत देना,
मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है.

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते.

महफ़िल में हँसना मेरा मिज़ाज़ बन गया,
तन्हाई में रोना एक राज़ बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से ज़ाहिर न होने दिया,
यही मेरे जीने का अंदाज़ बन गया.

ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे,
आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे,
ये मत पूछना किसने दर्द दिया,
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे.

इस बहते दर्द को मत रोको,
यह तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की,
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी,
पर यह तो निशानी है किसी के प्यार की.

एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता है,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता है.

कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रुठ कर तारे टूट जाते हैं.

कांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई.

प्यार सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है,
प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार,
ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है.

गम भरी शायरी

हर ख़ुशी के पहलू हाथों से छूट गए,
अब तो खुद के साये भी हमसे रूठ गए,
हालात हैं अब ऐसे ज़िंदगी में हमारी,
प्यार की राहों में हम खुद ही टूट गए.

प्यार मुहब्बत का सिला कुछ नहीं,
एक दर्द के सिवा मिला कुछ नहीं,
सारे अरमान जल कर ख़ाक हो गए,
लोग फिर भी कहते हैं जला कुछ भी नहीं.

न वो सपना देखो जो टूट जाये,
न वो हाथ थामो जो छूट जाये,
मत आने दो किसी को करीब इतना,
कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये.

जिस दिल पे चोट न आई कभी,
वो दर्द किसी का क्या जाने,
खुद शम्मा को मालूम नहीं,
क्यूँ जल जाते हैं परवाने.

एक लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए,
कितने अल्फ़ाज़ लिखे हमने ज़माने के लिए,
उनका मिलना ही मुक़द्दर में न था,
वर्ना क्या कुछ नहीं किया उनको पाने के लिए.

ना किया कर अपने दर्द को
शायरी में बयान ऐ दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं
इसे अपनी दास्तान समझकर.

जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था,
हमसा कोई किसी जुर्म में आया भी न था,
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी,
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था.

हम ने कब माँगा है तुम से
अपनी वफ़ाओं का सिला,
बस दर्द देते रहा करो
मोहब्बत बढ़ती जाएगी.

दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता.

दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता.

Gam Shayari in Hindi

तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है.

नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं,
मैंने तो दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर.

दिल को ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई शिकवा नहीं,
और कितने अश्क बहाऊँ अब उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरी किस्मत में लिखा ही नहीं.

कौन कहता है नफ़रतों में दर्द है मोहसिन,
कुछ मोहब्बतें भी बड़ी दर्द नाक होती है.

शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता है,
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही.

यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है,
बस बयान करने का अंदाज़ जुदा होता है,
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है.

मेरे इस दर्द की वजह भी वो हैं,
और मेरे दर्द की दवा भी तो वो हैं,
वो नमक ज़ख्मों पे लगाते हैं तो क्या,
मोहब्बत करने की वजह भी तो वो हैं.

एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया,
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया.

आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये,
भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये.

दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ,
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं.

गम भरी शायरी इन हिंदी

मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,
ये कागज कलम ये गजल आख़िरी है,
मैं फिर ना मिलूँगा कहीं ढूंढ लेना,
तेरे दर्द का अब ये असर आख़िरी है.

दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम में आँसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,
हम अपना दिल न जलाते तो और क्या करते.

सजा कैसी मिली हमको तुझसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा जब कोशिश की मुस्कुराने की,
कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द भरी रातों का हमराज,
दर्द ही मिला है जो तूने कोशिश की आजमाने की.

ना कर तू इतनी कोशिशे,
मेरे दर्द को समझने की,
पहले इश्क़ कर, फिर ज़ख्म खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्द की.

बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है,
तड़प उठता हूँ मैं दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है.

दर्द की जुबान होती तो कहती,
मुझसे कोई प्यार ना करे,
पर उसे क्या पता की दर्द को ही
तो प्यार कहते है.

जख्म वही से मिले
जहां से मरहम की
उम्मीद थी.

अपना समझते तो
वक्त देते, बहाने नहीं.

जिक्र से नहीं,
फ़िक्र से पता चलता हैं,
इस दुनिया में कौन अपना हैं.

धीरे धीरे करके मेरी हर
बात उसे खटकने लगी,
शायद किसी और की बाते
उसे अच्छी लगने लगी.

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